सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, क्या भारत में भी लागू होगा सूतक काल
ज्योतिष | इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. इस साल में कुल चार ग्रहण लगने वाले थे, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल है. एक सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लग चुके हैं, अब साल का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर यह ग्रहण लगेगा, इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है.
ज्योतिष | इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. इस साल में कुल चार ग्रहण लगने वाले थे, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल है. एक सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लग चुके हैं, अब साल का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर यह ग्रहण लगेगा, इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है.
बता दे कि यह पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है. अगर आपने पितृपक्ष के 15 दिनों में अपने पितरों को याद नहीं किया है, तो आप अंतिम दिन में उन्हें याद करके उनका श्राद्ध व तर्पण कर सकते हैं.
कब लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण
पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष के दिन काफी अच्छे माने जाते हैं. अगर आपके पितृ आपसे प्रसन्न होते हैं, तो आपका हर एक काम बनता चला जाता हैं. ऐसे में पितरों का प्रसन्न होना बेहद ही जरूरी हो जाता है. इस साल का अंतिम ग्रहण रात 9:13 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 3:17 मिनट तक रहने वाला है यानी कि यह वल्याकार ग्रहण करीब 6 घंटे 4 मिनट तक चलेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस वजह से इसका सूतककाल भी यहां लागू नहीं होगा.
क्या भारत में भी दिखाई देगा ग्रहण
ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों की मनाई होती है, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की अवधि में भूलकर भी कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए. ग्रहण के कुछ घंटे पहले ही सूतक काल भी लग जाता है, ऐसे में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं और इस दौरान पूजा अर्चना भी नहीं की जाती. ज्योतिष में ग्रहण को विशेष महत्व प्राप्त है और इस घटना को देखने के लिए वैज्ञानिकों के साथ-साथ अन्य कई लोग भी बेसब्री से इंतजार करते हैं.